शनिवार, 11 अक्टूबर 2014

Zindagi gulzar hai

Dedicated to my lovely wife... Not related to the TV show with the same name.

ज़िन्दगी मेरी गुलज़ार है तेरे क़रीब होने से
हर एक पल खुशनुमा है तेरे क़रीब होने से 

था दुनिया की इस भीड़ में तन्हा रहा सदा 
हमसफ़र एक मिला मुझे तेरे क़रीब होने से 

फ़लक़ पे हो रोशन लाखों चिराग इस तरह
क़ायनात मेरी रोशन है तेरे करीब होने से

रहा दिन भर के संघर्ष से टूटा, थका हरा
जी उठा जी भर के तेरे करीब होने से

ज़र्रा था मैं पहले भी, ज़र्रा हूँ मैं अब भी
आफ़ताब बन जाता हूँ पर तेरे करीब होने से 

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